Monday, June 27, 2011

Man ki raha.....


खोयी  हुई  एक  सोच  मिल  गई ...
तम्मनाओ  से  जिंदगी  बन  गई ...
हर  एक  उदासी  का  बादल  छट  गया ...
जब  अपनी  जिंदगानी  का  असली  मतलब  समझ  गया ...
हर  कुछ  करने  का  अरमान ...
बहुत   कुछ  पाने  का  अरमान ...
जीत   जाने  का , मुस्कुराने  का  मेरा  वो  अरमान ...
हकीक़त  की  डगर  पर  अब  चला  है ....
कदम  डगमगाते  नहीं  है , जो  रोक लूँ  उनको ...
क्यूंकि ...अब  दिल  कुछ  पाने  की  चाहा  रख  चला  है ....
बहकी  हुई  वो  बातें  , धूमिल  होती  हुई  वो  यादें ...
जागती  आँखों  में  सपने , और  सपनो  को  हासिल  करते  बुलंद  इरादे ...
ना  जाने  ये  मन   किस  डगर  चला  है ...
मन  बहका  है ...मानता  हूँ  ये ...
पर  अब  ये  अपनी  राह  को  चला  है !!!!

Sunday, June 26, 2011

dekh le.......


किस  गली  में  सुकून  है  यहाँ ...
आज  हर  गली  से  गुज़र  से   देख  ले ...
मनं मनाता  है  किस   बात  पर  हमे ...
आज  हर  बात  से  मुकर  कर  देख  ले ...
वो   कहता  है  के  हम  बिगाड़ते  हैं  हर  बात  को ....
आज  उनके  लिए  चलो  सुधर  के   देख  ले ...
बे -असर  आती  है  हर  कोशिश ....
आज  उनकी  कोशिश  के  असर  को  देख  ले ...
बातों  को  समझा  के  देख  लिया  बहुत ..
आज  क्यूँ  न  हम  चुप  रह  कर  देख  ले ...
बीच  भावर  का तूफ़ान  देखा  है ...
चलो  आज  किनारे  के   कहर  को  भी  देख  ले ...

Saturday, June 25, 2011

.....ek soch....

सागर की  इन  लहरों  में  ,
डूबता  जा  रहा  हु  मै,
तलाश  है  मुझे  किनारे  की ,
पर  क्या  करू  ये  लहरें ……
खींचती  जाती  है  अपनी  तरफ  मुझे
ज़िन्दगी  का  हर  पल  लगता  है
ठहर  सा  गया  है  कही ,
किनारे  की  तलाश  में  मै ,
खो रहा  हू  ‘खुद  को ’,
न  जाने  ये  सागर  की  लहरें
लेकर  जाएँ  कहा  मुझे
ऐ सागर  की  लहरों  ‘बेनाम  निखिल ’को
तलाश -ए -किनारे  में  मदद  करना …