Saturday, June 25, 2011

.....ek soch....

सागर की  इन  लहरों  में  ,
डूबता  जा  रहा  हु  मै,
तलाश  है  मुझे  किनारे  की ,
पर  क्या  करू  ये  लहरें ……
खींचती  जाती  है  अपनी  तरफ  मुझे
ज़िन्दगी  का  हर  पल  लगता  है
ठहर  सा  गया  है  कही ,
किनारे  की  तलाश  में  मै ,
खो रहा  हू  ‘खुद  को ’,
न  जाने  ये  सागर  की  लहरें
लेकर  जाएँ  कहा  मुझे
ऐ सागर  की  लहरों  ‘बेनाम  निखिल ’को
तलाश -ए -किनारे  में  मदद  करना …

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