Sunday, June 26, 2011

dekh le.......


किस  गली  में  सुकून  है  यहाँ ...
आज  हर  गली  से  गुज़र  से   देख  ले ...
मनं मनाता  है  किस   बात  पर  हमे ...
आज  हर  बात  से  मुकर  कर  देख  ले ...
वो   कहता  है  के  हम  बिगाड़ते  हैं  हर  बात  को ....
आज  उनके  लिए  चलो  सुधर  के   देख  ले ...
बे -असर  आती  है  हर  कोशिश ....
आज  उनकी  कोशिश  के  असर  को  देख  ले ...
बातों  को  समझा  के  देख  लिया  बहुत ..
आज  क्यूँ  न  हम  चुप  रह  कर  देख  ले ...
बीच  भावर  का तूफ़ान  देखा  है ...
चलो  आज  किनारे  के   कहर  को  भी  देख  ले ...

2 comments:

Subhendu Sekhar said...

baaki article bhi padhi!!!lekin yeh dil ko chu ke nikal gayi!!!

Nikhil aka NiKk said...

@subhendu sekhar...samajh sakta hun....waise thanx!!!

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